Abstract
“आजादी अनमोल जेना तोल ना सका ताकड़ी…. वक्त पड्या मुख बोल शीश मांगे मावड़ी…दुश्मन रो दल देख हेमाले हेलो कियो…पूगो धर्म निरपेक्ष एक भारत वासी भोमियो”
`आजादी को रक्त से सींचना होता है और बलिदान देना होता है तभी आजादी मिलती है । आजादी के लिए क्रांति करनी पड़ती है।दुनियां के इतिहास में कई अभूतपूर्व क्रांतिया हुई है और क्रांति की धार पे गुलामी की बेड़ियों को काटा जा सकता है। यहां मैं स्वतंत्रता संग्राम में राजस्थान के क्रांतिकारियों के योगदान के बारे में प्रकाश डालना चाहता हूं। इसके अलावा क्रांति की परिभाषा और क्रांति के जन्म के बारे में बताने का प्रयास किया गया है।
Key Words: | राजस्थान के क्रांतिकारी, क्रांति की परिभाषा, क्रांति का जन्म, आजादी की लड़ाई में योगदान |
Mr. Shesh Karan Charan
Ph.D. Research Scholar, Dept. of History,
Gujarat University, Ahmedabad