Abstract
अधिकांश आदिवासी महिलाएं जो कभी स्वतंत्र और बसी हुई थीं, अब बहुत दयनीय जीवन जीने को मजबूर हैं, क्यों? जबकि देश लंबे समय से आजाद है। तीज-त्योहारों, पर्वों और मेलों के अवसर पर ये महिलाएं सज-धज कर, नाच-गा कर जीवन व्यतीत करती नजर आती हैं।
लेकिन ज्यादातर समय अशिक्षित, गरीब कामकाजी महिलाओं को कई तरह के अजीबोगरीब काम करके जीने के लिए मजबूर किया जाता है। इन महिलाओं को आज भी मूलभूत सुविधाओं की दरकार है। कुशल नेतृत्व की दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ युद्धस्तर पर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से ही स्थिति में सुधार हो सकता है।
Key Words:
आदिवासी महिलाएं, आदिवासियों का अतीत, महिलाओ की समस्याए
Mamta Devi Meena
Assistant Professor of History;
St. John's College, Agra
Email : pinkyparya88@gmail.com