भारत का स्वातंत्र्य-संग्राम में सरोजिनी नायडू की भूमिका
भारत का स्वातंत्र्य-संग्राम में सरोजिनी नायडू की भूमिका
SHALU MAHESHKUMAR PARASHAR, M.A., B.Ed., M.Phil, NET-JRF, Ph.D. Research Scholar – GUJARAT UNIVERSITY, AHMEDABAD
ABSTRACT :
समाज के उत्थान और स्वतंत्रता के मार्ग में सरोजिनी नायडू का महत्वपूर्ण योगदान हमें सिखाता है कि एक व्यक्ति की साहित्यिकता कैसे उसके देश और समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक बन सकती है। उनके योगदान ने हमें यह सिखाया कि कल्पना और विचारधारा की शक्ति से हम समस्याओं का समाधान निकाल सकते हैं और समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।
सरोजिनी नायडू का योगदान एक महान भारतीय महिला के रूप में हमारे सामाजिक और साहित्यिक धरोहर में सदैव बना रहेगा। उनकी कविताएँ और उनकी विचारधारा हमें अपने मूल्यों की प्रतिष्ठा करने की महत्वपूर्णता याद दिलाती हैं और हमें एक सशक्त और स्वतंत्र भविष्य की दिशा में प्रेरित करती हैं।
Key words: सरोजिनी नायडू, भारत का स्वातंत्र्य-संग्राम, सरोजिनी नायडू की भूमिका
Ansh – Journal Of History
Volume 5, Issue 1, Jan. – March 2023
ISSN (Online) : 2582 -046X,
A Peer Reviewed International Refereed Online Journal Of History Subject
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